तारों से जो ध्वनि उत्पन्न होती है, उसे अनुनाद मंजूषा प्रबल बनाती है।
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तारों से जो ध्वनि उत्पन्न होती है, उसे अनुनाद मंजूषा प्रबल बनाती है।
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तारों से जो ध्वनि उत्पन्न होती है, उसे अनुनाद मंजूषा प्रबल बनाती है।
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तारों द्वारा उत्पन्न जटिल कंपनों को अनुनाद मंजूषा किस प्रकार अभिवÌधत करेगी, यह कई बातों पर निर्भर है।
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तारों द्वारा उत्पन्न जटिल कंपनों को अनुनाद मंजूषा किस प्रकार अभिवÌधत करेगी, यह कई बातों पर निर्भर है।
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तारों द्वारा उत्पन्न जटिल कंपनों को अनुनाद मंजूषा किस प्रकार अभिवÌधत करेगी, यह कई बातों पर निर्भर है।
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इसमें एक विशेष प्रकार की अनुनाद मंजूषा होती है, जिसके ऊपर से भिन्न भिन्न मोटाई के चार तार एक सेतु से होकर जाते हैं।
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इसमें एक विशेष प्रकार की अनुनाद मंजूषा होती है, जिसके ऊपर से भिन्न भिन्न मोटाई के चार तार एक सेतु से होकर जाते हैं।
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इसमें एक विशेष प्रकार की अनुनाद मंजूषा होती है, जिसके ऊपर से भिन्न भिन्न मोटाई के चार तार एक सेतु से होकर जाते हैं।
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इनमें से कुछ प्रमुख बातें ये हैं: भागों में अनुनाद मंजूषा के पत्तरों की विभिन्न मोटाई, मंजूषा के भीतरी भाग का आकार और विस्तार, उन ध्वनि रंध्रों का आकार और विस्तार, उन ध्वनि रंध्रों का आकार और विस्तार जिनमें से होकर मंजूषा की भीतरी वायु के कंपन बाहरी वायु तक पहुँचते हैं।