उत्तानन (supination) और अवतानन (pronation) क्रिया करनेवाली पेशियाँ केवल अग्रबाहु में स्थित हैं।
2.
इनमें उत्तानन (सुपिनेशन) एवं अवतानन (प्रोनेशन) गतियां नहीं हो पाती है।
3.
इन दोनों जोड़ों में अवतानन (Pronation) और उत्तानन (supination) गतियां होती है।
4.
अवतानन गति में हथेली नीचे की ओर तथा उत्तानन गति में हथेली ऊपर की ओर आ जाती है।
5.
अवतानन (Pronation)-यह अग्रबाहु की घुमावदार गति होती है जिसमें रेडियस अल्ना के ऊपर तिरछी हो जाती है या हथेली को नीचे या पीछे की ओर घुमाना या चेहरे को नीचे की तरफ करके लेटने की क्रिया।