बहुत से लोग जब किसी को आत्म-पीडन करते देखते हैं तो उन्हें सुसाइडल (suicidal) मान लेते हैं लेकिन ऐसे व्यक्तियों द्वारा स्वयं को चोट पहुंचाने के लिए की गयी गतिविधि को आत्महत्या का असफल प्रयास नहीं माना जा सकता. बहुत से आत्म-पीड़क व्यक्ति लगातार बहुत लंबे अरसे, जैसे कई साल तक स्वयं को चोट पहुंचाते रहते हैं पर उनकी एक भी चोट इतनी गंभीर नहीं होती कि उनका जीवन खतरे में पड़ जा ए.