क्योंकि उनकी आशाओं का संसार टीन शेड, खपड़ैल, और तंग गलियों तक ही सीमित है।
2.
घर के आँगन में एक पौधा उगा चेहरा मुस्कान से भरा मन में आशाओं का संसार जगा एक दिन फूलों से लदेगा सारा घर महकेगा निरंतर अतिवृष्टी ने हाहाकार मचाया पौधा सह ना पाया समय से पहले काल कवलित हुआ मन निराशा में डूब गया भूल गया हर सपना पूरा नहीं होता आशा निराशा का साथ होता आवश्यकता से अधिक मिलना विनाशकारी होता