मिली-जुली संस्कृति के पोषक ज़फर गालिब का मानना था कि यदि ईश्वर या खुदा व्यक्ति के अंदर निवास करता है तब उसे धार्मिक विधि-विधानों की अपेक्षा प्रेम से पाया जा सकता है और वह हिन्दू और मुसलमान-दोनों के लिए उपगम्य है।
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मिली-जुली संस्कृति के पोषक ज़फर गालिब का मानना था कि यदि ईश्वर या खुदा व्यक्ति के अंदर निवास करता है तब उसे धार्मिक विधि-विधानों की अपेक्षा प्रेम से पाया जा सकता है और वह हिन्दू और मुसलमान-दोनों के लिए उपगम्य है।