वह अपनी पारिवारिक असफलताओं और नष्ट-भ्रष्ट पारिवारिक जिंदगी से उबा हुआ, उदास और चिड़चिड़ा बूढ़ा भी है।
2.
परायों से घबराया हुआ और अपनों से उबा हुआ है मन.....” 2. अंधेरा ******* “मैं भागती रही हूं हमेशा अंधेरों की तरफ उजाले को छोड़.....
3.
यही की एक छोटी सी जगह में दो तीन शब्दों से बना एक नाम अपने तपे हुए रंग में घटित होता हुआ दिखाई देता है, एकदम अनुतरित, गुपचुप अपने मौन में, अपनी यात्रा से उबा हुआ, थका सा, आरोह-अवरोह में लेकिन किसी पूर्व राग के अनहद में गूंजता हु आ.
4.
मैं बाहर के जीवन से उबा हुआ आदमी, शिमला से लेकर बनारस तक और इंदौर से लेकर लखनऊ-मथुरा, ऋषिकेश, वृंदावन, हरिद्वार, अयोध्या, फैजाबाद, उज्जैन तक भागा भागा फिरता रहा हूं ताकि कहीं कुछ नया मिले, चैन मिले, शांति मिले, लेकिन कहीं देर तक नहीं रुक पाया.
5.
गलत समझ ली तुम, मैं ने मजाक किया था, मजे लेने का तो सवाल ही नहीं उठता है, क्योंकि पहली बात तो मुझे मजे लेने की ज़रुरत ही नहीं है, ऐसा नहीं है कि मैं यहाँ उदास और उबा हुआ बैठा हूँ और ये सब कर के ख़ुद को एंटरटेन कर रहा हूँ, ऐसा बिलकुल नहीं, और जब हम किसी से ये कहते है ‘