| 1. | बाई ओर द्विवलन (bicuspid) कपाटिका है।
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| 2. | बांई ओर के इस छिद्र पर भी कपाटिका लगी हुई है।
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| 3. | बांई ओर के इस छिद्र पर भी कपाटिका लगी हुई है।
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| 4. | एक बड़ा छिद्र अलिंद और निलय के बीच में हैं, जिसपर कपाटिका (
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| 5. | और उदर के निचले दाहिने भाग में स्थित क्षुदांत्र कहलाता है, जो त्रिकांत्री कपाटिका (
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| 6. | दाहिनी ओर की कपाटिका तीन कौड़ी के समान भागों की बनी है और त्रिवलन कपाटिक (
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| 7. | एक बड़ा छिद्र अलिंद और निलय के बीच में हैं, जिसपर कपाटिका (valve) लगी हुई है।
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| 8. | दाहिनी ओर की कपाटिका तीन कौड़ी के समान भागों की बनी है और त्रिवलन कपाटिक (Tricuspid) कहलाती है।
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| 9. | त्रिकांत्र और क्षुदांत्र के संगम पर स्थित कपाटिका से से त्रिकांत्र दो या तीन इंच नीचे तक विस्तृत एक थैले की भाँति है।
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