हिन्दी में भावार्थ-बिना बात के कलह करना मूर्खो का कार्य है।
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हिन्दी में भावार्थ-बिना बात के कलह करना मूर्खो का कार्य है।
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१. निरर्थक कलह करना मूर्खों का काम है, बुद्धिमान पुरुष को इसका त्याग कर देना चाहिऐ.
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अर्थात मूर्ख के पाँच लक्षण हैं-प्रथम गर्व करना, दूसरा दुर्वचन बोलना, तीसरा हठ करना, चौथा कलह करना एवं पाँचवाँ कहे हुए वचनों का पालन न करना ।
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वैसे तो इस समाज में भी परिवार का मुखिया भी पुरुष होता है, पर उसका काम होता है ताड़ी और शराब पीकर सारे दिन परिवार के सदस्यों से कलह करना और महिलाओं पर अत्याचार करना.
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हिंदी में भावार्थ-नीति विशारद विदुर कहते हैं कि शराब पीना, कलह करना, अपने समूह के साथ शत्रुता, पति पत्नी और परिवार में भेद उत्पन्न करना, राजा के साथ क्लेश करने तथा किसी स्त्री पुरुष में झगड़ा करने सहित सभी बुरे रास्तों का त्याग करना ही श्रेयस्कर है।