यह एक प्रकार का मनोविकार है-जिसके कायिक लक्षण अनेक हैं लेकिन ऐसे कायिक विकार मौजूद नहीं रहतें हैं जो इन कायिक लक्षणों की व्याख्या कर सकें.
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यह एक प्रकार का मनोविकार है-जिसके कायिक लक्षण अनेक हैं लेकिन ऐसे कायिक विकार मौजूद नहीं रहतें हैं जो इन कायिक लक्षणों की व्याख्या कर सकें. यानी काय (काया)विकारों के बिना ही रोगी काया से सम्बन्धी लक्षणों की शिकायत करता है.