| 1. | उन्हीं ऊष्माशयों के बीच कार्य करने वाले कार्नो इंजन के बराबर ही दक्षता वाले होते हैं।
|
| 2. | कार्नो इंजन द्वारा किया गया कार्य भट्ठी और संघनित्र दोनों के ताप पर निर्भर करता है।
|
| 3. | के बीच काम करने वाला कोई भी ऊष्मा इंजन उन्हीं ऊष्माशयों के बीच काम करने वाले कार्नो इंजन (
|
| 4. | सिद्धांत के अनुसार अगर भट्ठी और संघनित्र के बहुत से भिन्न तापीय जोड़े एकत्रित हों और एक कार्नो इंजन प्रत्येक के बीच क्रमश:
|
| 5. | त्रिक्बिंदू और परमशून्य के बीच कार्य करनेवाले कार्नो इंजन द्वारा जो कार्य होता है उसका 1 / 273.16 अंश कार्य एक परम डिग्री का बोध करता है।
|