कीटरोगजनक सूत्रकृमियों के बीच अन्तर क्रियाओं की प्रकृति, उनके जीवाण्विक सहजीवी और कीट पोषक
2.
देशी तापसहिष्णु कीटरोगजनक सूत्रकृमि, स्टेइनरनिमा थर्मोफिलम पर आधारित एक जैवनाशक जीवनाशी संरूप नामत पूसा नेमाजैल विकसित किया गया है।
3.
तरल संवर्धन में पी. ल्यूमिनसेंस कीटरोगजनक जीवाणु से पहली बार एक डाइकीटोपाइपेराजीन(1) को पृथक किया गया और 1 एच-एन एम आर तथा 13 सी-एन एम आर के आधार पर इसे 3-आइसोब्यूटाइलहाइड्रोपाइरूलो (1,2-जेड) पाइफाफजीन-1,4-डाइओन अथवा साइक्लो (-प्रो-ल्यू) जो एक साइक्लिक पैप्टाइड 9 (1) है, की पहचान की गई।