इसके सामने कॉक्लिया और पीछे अर्द्धवृत्ताकार नलिकाएं रहती हैं।
2.
एक प्रघाण (वेस्टिब्यूल) में जाती है और दूसरी कॉक्लिया में।
3.
कॉक्लिया में चोट लगने से उससे जुड़ी हेयर सेल्स डैमेज हो जाते हैं।
4.
कॉक्लिया अंतःकर्ण का एक भाग है जो घुमावदार नली के रुप में होता है।
5.
हम इसका इलेक्ट्रॉनिक उपाय करते हैं यानी कृत्रिम कॉक्लिया को निरोपित कर देते हैं।
6.
नर्व से कॉक्लिया तक का सम्पर्क जीवंत हो जाता है तथा बहरापन दूर हो जाता है।
7.
दूसरी तन्त्रिका (कॉक्लिया में जाती है) को कॉक्लियर तन्त्रिका (Cochlear nerve) कहते हैं।
8.
कान के पर्दे में लगे धक्के से पर्दे में जुड़ी हुई हड्डियां कॉक्लिया में अंदर की ओर धक्का मारती है।
9.
यह गोलाकार छिद्र मध्य कर्ण की म्यूकस मेम्ब्रेन (श्लेष्मिक झिल्ली) से बन्द रहता है तथा इसका सम्बन्ध अन्तःकर्ण की कॉक्लिया से रहता है।
10.
यह कॉक्लिया के मध्य में स्थित अस्थिल अक्ष स्तम्भ (modiolus) में प्रवेश करती है और श्रवण अंग (organ of Corti) के पास पहुंचकर इसकी बहुत सी शाखाएं चारों ओर फैल जाती हैं।