अग्रायणी पूर्व-जिसमें क्रियावाद आदि की प्रक्रिया और स्व-समय का विषय विवेचित है वह अग्रायणी नाम का दूसरा पूर्व है।
3.
क्रियावाद के माननेवालों का कहना था कि शारीरिक संरचना के स्थान पर प्रेक्षण योग्य तथा दृश्यमान व्यवहार पर अधिक जोर होना चाहिए।
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क्रियावाद के माननेवालों का कहना था कि शारीरिक संरचना के स्थान पर प्रेक्षण योग्य तथा दृश्यमान व्यवहार पर अधिक जोर होना चाहिए।
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क्रियावाद के माननेवालों का कहना था कि शारीरिक संरचना के स्थान पर प्रेक्षण योग्य तथा दृश्यमान व्यवहार पर अधिक जोर होना चाहिए।
6.
मनोविज्ञान के क्षेत्र में सन् 1912 ई के आसपास संरचनावाद, क्रियावाद, व्यवहारवाद, गेस्टाल्टवाद तथा मनोविश्लेषण आदि मुख्य मुख्य शाखाओं का विकास हुआ।
7.
उसके व्यावहारिक निर्णय के प्राधान्य के बचाव को उसके आदर्शवादका आधार होने के परिणामस्वरूप अर्थ-~ क्रियावाद के पक्ष में पेश नहीं कियाजा सकता, क्योंकि उससे इसका व्यवहारतः कोई साम्य नहीं.
8.
इसमें प्राचीन काल के दार्शनिक वादों जैसे क्रियावाद, अक्रियावाद, नियतिवाद, अज्ञानवाद आदि का प्ररूपण तथा निराकरण किया गया है तथा श्रमण, ब्राह्मण, भिक्षु, निग्र्रंथ आदि के स्वरूप की व्याख्या की गई है।
9.
संरचनात्मक क्रियावाद ; प्रतीकात्मक अन्योन्यक्रियावाद ; और विरोधी सिद्धांत [संपादित करें] अर्थशास्त्र मैक्स वेबर का द प्रोटेस्टेंट एथिक एंड द स्पिरिट ऑफ़ कैपिटलिस्म मुख्य लेख: Economic sociology और Socioeconomics
10.
संरचनात्मक क्रियावाद के समर्थकों का सुझाव है कि, सामाजिक स्तर-विन्यास अधिकांश राष्ट्र समाजों में मौजूद होने की वजह से, उनके अस्तित्व को स्थिर करने हेतु मदद देने में पदानुक्रम लाभकारी होना चाहिए.