लोगों की चहल-पहल, गजाश्वों कीचिंघाड़, हिनहिनाहट और सुन्दरियों ने नुपुरों का क्वणन सब ओर बिखरता-दीखता.
2.
अपने समूचे इतिहास के साथ वह खंडहरों को धोती-पोंछती बहती. वह नहीं जानती थी कि उसके सिरहाने बजती महादेव की घंटियाँ किन ख़ास अर्थों में क्वणन-क्वणन किया करतीं हैं.
3.
अपने समूचे इतिहास के साथ वह खंडहरों को धोती-पोंछती बहती. वह नहीं जानती थी कि उसके सिरहाने बजती महादेव की घंटियाँ किन ख़ास अर्थों में क्वणन-क्वणन किया करतीं हैं.
4.
सुन रहा हूँ मालवाही खच्चरों की घंटियों के अनुरणन दूरगामी खच्चरों की घण्टियों के अनुरणन श्रुति-मधुर है यह क्वणन मुख्य पथ से दूर वे पगडंडियाँ हैं भारवाही खच्चरों के खुरों से रौंदी हुई हैं