१, ४, २, ८, ५ तथा ७इतना ही नहीं, बजाय प्रथम अवशेष ३ को हम अपना गुणोत्तर माने, हम दूसरे अवशेष २को गुणोत्तर अनुपात मान सकते हैं.
2.
इसके अनुसार जीवों में जनन बहुत ही द्रुत गति और गुणोत्तर अनुपात में होता है, किंतु जीव जितनी संख्या में उत्पन्न होते हैं, उतनी संख्या में जीने नहीं पाते, क्योंकि जिस गति से उनकी संख्या में वृद्धि होती है उसी अनुपात में वासस्थान और भोजन में वृद्धि नहीं होती, वरन् स्थान और भोजन सीमित रहते हैं।
3.
उदाहरण के लिये हाथी जैसा मंद गति से जनन करनेवाला प्राणी भी यदि बिना किसी बाधा के गुणोत्तर अनुपात में जनन करने के लिये स्वतंत्र कर दिया जाय तो चार्ल्स डार्विन ने हिसाब लगाकर दिखाया कि एक जोड़ा हाथी, जिसकी आयु 100 वर्ष तक हो और 30 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर जनन प्रारंभ करे तथा अपने संपूर्ण जीवन काल में केवल छ: