चारमीनार-यह आकर्षक मीनार हैदराबाद की हर चीज़ का प्रतीक है-इसकी संस्कृतियों के संगम, राजसी अतीत और उस जीवन का जिसमें जीवन्तता है और जो इसके बाजारों की तरह ही चहल-पहल से भरा है।
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यह संसार कितना सुन्दर है-चहल-पहल से भरा, आनन्द से परिपूर्ण! अचानक दाल जलने की तीखी महक आई, साथ ही सास की ऊँची आवाज़ भी, ' कुछ जले-फुँके किसी को क्यों फिकर होगी! ' वह जल्दी से चौके की ओर भागी ।