Moving her lips voicelessly she thought of her mother and father , and of him ; the noise which seemed about to crack the old walls shook everything out of her . वहाँ वह बैठी थी - सोनें और जागने के बीच डोलती हुई - सब आवाज़ों के प्रति बेख़बर , गतिहीन । नीरव होंठों को हिलाती हुई वह सोच रही थी , अपने माँ - बाप के बारे में , उसके बारे में । मकान की पुरानी - जर्द दीवारों को - कँपकँपाते धमाकों ने उसके भीतर की हर चीज़ को उखाड़ फेंका था ।