रात को टहलने वाला हर पुरुष बलात्कार करने की नीयत से ही नहीं टहलता है ।
2.
आवारा, निठल्ला से फ़िरते बद का कायाकल्प हो गया! बुराई के गैंग में टहलने वाला बद, बिंदी बनकर पारिवारिक हो गया और एक सुहागन के माथे पर दमकने लगा।
3.
प्रायः टहलने वाले प्रारंभ में ही टहलने की गति को बहुत तेज कर देते हैं जिससे लाभ के स्थान पर हानि होने की संभावना हो जाती है व टहलने वाला व्यक्ति जल्दी थक जाता है, अतः प्रारंभ के २-३ मिनट धीमी गति से टहलना चाहिए, बाद में कुछ मिनटों के लिए अपनी क्षमतानुसार तेज गति से चलना चाहिए।