| 1. | प्रत्येक तर्कवाक्य का उद्देश्य वास्तवता ही है।
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| 2. | नैयायिकों के अनुसारअर्थापत्ति अनुमान ही है जिसे वियोजक तर्कवाक्य और विधायक तर्कवाक्यदोनों रूपों में व्यक्त किया जा सकता है.
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| 3. | तेज़ रफ्तार की गाड़ी चलाने से दुर्घटना होती है, इस तर्कवाक्य की यह परिणति नहीं हो सकती कि मोटर-चलित वाहनों को बंद कर दिया जाए।
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| 4. | अपराध शास्त्र में ओपिनियन (व्यक्तिगत राय) को अवमानना का आधार नहीं बनाया जाता क्योंकि इसमें तर्कवाक्य को गलत ठहराने का कोई आधार नहीं बन पाता।
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| 5. | अपराध शास्त्र में ओपिनियन (व्यक्तिगत राय) को अवमानना का आधार नहीं बनाया जाता, क्योंकि इसमें तर्कवाक्य को गलत ठहराने का कोई आधार नहीं बन पाता।
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