वक्ता या लेखक के अभिप्रायः को ताड़ लेना ही सत्य पर पहुँचने का सीधा मार्ग है।
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वक्ता या लेखक के अभिप्रायः को ताड़ लेना ही सत्य पर पहुँचने का सीधा मार्ग है।
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आपके डॉयग्नोसिस का लोहा मान गया, काले चश्में के पीछे आँखों के लाल डोरे और लिव-इन को ताड़ लेना कोई मज़ाक नहीं है!
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इसी प्रकार जब आप किसी असभ्य (गंवार या प्रचिलित रीति-रिवाजों से अनभिज्ञ) व्यक्ति से मिलने से पहले उसके हाव-भाव और उसकी मनोदशा को ताड़ लेना चाहिए और उसके अनुसार उससे मिलना चाहिए जिससे एक-दुसरे के प्रति असहजता न हो।