पार्श्वशूलारतिस्वास-कास हिक्काविकारजित॥ तुलसी पित्तनाशक, वात-कृमि तथा दुर्गन्ध नाशक है ।
2.
तुलसी, कफ, वात, विष विकार, श्वांस-खाँसी और दुर्गन्ध नाशक है ।
3.
दवा-निलगिरी का तेल एक प्राकृतिक दुर्गन्ध नाशक और त्वचा के कई संक्रमणों को ठीक करने की शक्ति रखता है।
4.
कुछ अन्य उत्पादों का भी टैबलेट के रूप में निर्माण किया जाता है ताकि घुलने या खंडित होने में आसानी हो; जैसे सफाई और दुर्गन्ध नाशक उत्पाद.
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कुछ अन्य उत्पादों का भी टैबलेट के रूप में निर्माण किया जाता है ताकि घुलने या खंडित होने में आसानी हो; जैसे सफाई और दुर्गन्ध नाशक उत्पाद.
6.
निघण्टुकार के अनुसार तुलसी पत्र अथवा पत्र स्वरस उष्ण, कफ निस्सारक, शीतहर, स्वेदजनन, दीपन, कृमिघ्न, दुर्गन्ध नाशक व प्रतिदूषक होता है ।
7.
आयुर्वेदिक मतानुसार गुलाब के रस में तिक्त, कषाय और मधुर, शीतल प्रकृति का, लघु, स्निग्ध (चिकना), विपाक में मधुर, वातपित्त शामक, अधिक प्यास, दाह, जलन, पसीने की दुर्गन्ध नाशक, रस व रक्त को साफ करने वाला, पाचन में हल्का, हृदय के लिए गुणकारी, शुक्रधातु वर्द्धक, पौष्टिक भूख बढ़ाने वाला, यकृत और मस्तिष्क को शक्ति देने वाला होता है।