-स्वामी विवेकानन्द के जीवन प्रसंगों पर आधारित द्विअंकी पूर्णकालिक प्रेरक नाटक।
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नाटक द्विअंकी था और नाटक के प्रथम अंक की सफलता का अंक तब मालूम पड़ा जब, नाटक के द्वितीय अंक से पहले, मध्यांतर में (Interval) नाटक देखने आए, कुछ प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था के सदस्य एवं प्रमुख द्वारा, नाटक के कुछ और शॉ का एडवांस बुकिंग हो गया..