इसके पश्चात सिकन्दर ने ओहिन्द के स्थान पर नावों का पुल बनाकर सिन्धु नदी को पार किया और तक्षशिला की ओर बढा।
2.
नदी को छोड कर-जिस पर नावों का पुल बंधा है-बाकी तीनों ओर रक्षा के लिए पक्की षहरपनाह बनी हुई हैं.
3.
नगर के उत्तर-पूरब या नदी की दिशा में नावों का पुल उनके अधिकार में है जिससे अपने देशवासियों के साथ उनका संपर्क निरंतर बना हुआ है और वे बिना किसी रोक-टोक के सैनिकों और सामानों की सप्लाई प्राप्त करते रहते हैं।