निर्धनों की सहायता के लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय ख्याति और सम्मान मिला।
5.
शाह बुलाकी साहब को अपाहिजों, बेवाओं तथा निर्धनों की सहायता करने में बहुत संतुष्टि मिलती थी।
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शाह बुलाकी साहब को अपाहिजों, बेवाओं तथा निर्धनों की सहायता करने में बहुत संतुष्टि मिलती थी।
7.
निर्धनों की सहायता, पाठशाला, अस्पताल आदि चलाने के कार्य चर्च के थे परन्तु चर्च इन कार्यों पर कोई धन व्यय नहीं करता था।
8.
रामविलास शर्मा ने लिखा है ” धनहीन होने पर उन्हें सबसे ज्यादा अफसोस इसी बात का था कि वह निर्धनों की सहायता न कर सकते थे।
9.
गरीबों की हिमायत, अनाथों की सिफारिशें, निर्धनों की सहायता और भाग्य के मारे हुओं के घाव की मरहम-पट्टी इन कामों से उसकी आत्मा को सुख मिलता था।
10.
दूसरी ओर, हिन्दुजन धर्म के भय में आकर शनि का तेल मांगनेवालों और यहाँ तक कि नकली हिजड़ों से डरकर भी अपनी जेब ढीली कर देंगे लेकिन वास्तविक दुखी और निर्धनों की सहायता नहीं करते.