हरेक दुष्प्रवृत्ति के पास भ्रमित करते न्यायसंगत कारण मौजुद है।
2.
अवर न्यायालय द्वारा अपने उक्त आदेश में यह भी निष्कर्ष दिया गया है कि, न्यायालय द्वारा जारी आदेशिकाओं के अनुपालन में साक्षी न्यायालय में आकर अपनी साक्ष्य अंकित कराने के लिये वैध रूप से आबद्ध होते हुये भी बिना किसी न्यायसंगत कारण के वह न्यायालय उपस्थित नहीं आया है तथा उसके द्वा रा न्यायालय द्वारा जारी आदेशिकाओं का सम्मान न करते हुये लगातार जानबूझकर उपेक्षा व अवहेलना की गयी है।