| 1. | यह बहुत छोटी सी पाकेट बुक नुमा किताब है।
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| 2. | ' ' प्रकाशक: डायमंड पाकेट बुक
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| 3. | मैं चोरी करने नहीं आया हूँ। ' ' प्रकाशक: डायमंड पाकेट बुक
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| 4. | * (मेरे पिता श्री प्रेम स्वरूप श्रीवास्तव जी का यह बाल उपन्यास पाकेट बुक के
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| 5. | इंडिया बुक हाउस लिमिटेड • चौखम्भा सुरभारती प्रकाशन • टिनी टॉट पब्लिकेशन • डायमंड पाकेट बुक •
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| 6. | मनोज पाकेट बुक, तेनाली रामा सिरीज, फैंटम, जातक कथाएं, टीका वगैरह पढ़ने में खूब मजा आता था।
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| 7. | ईस्ट इंडिया कम्पनी के पाकेट बुक ऐडिशन, आये हो तो थोड़ी ठंडी लस्सी वगैरह पियो और वापस निकल लो अमेरिका ।
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| 8. | मेरे पिता श्री प्रेम स्वरूप श्रीवास्तव जी का यह बाल उपन्यास पाकेट बुक के रूप में लगभग 35 साल पहले लखनऊ के ज्ञान भारती प्रकाशन से छपा था।
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| 9. | आलटर ईगो ' का प्रतिरूप होता है या यूँ कह लीजिये कि उनके हेतु साधने का यह उनका पाकेट बुक एडिशन होता है, खोल लेता है.
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| 10. | (मेरे पिता श्री प्रेम स्वरूप श्रीवास्तव जी का यह बाल उपन्यास पाकेट बुक के रूप में लगभग 35 साल पहले लखनऊ के ज्ञान भारती प्रकाशन से छपा था।)
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