रब्बर की नर्म गेंद को पिचकाना, नकली फ़र पर हाथ मारना, ठंडा पानी भरा रबड़ का छल्ला दाँत से चबाना, और रुई भरे खिलौने के अंदर घंटी की आवाज़ सुनना, यह सभी चीज़ें करने में शिशु को बहुत मज़ा आएगा।
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अर्थात साँस लेते समय हमारा पेट पिचक जाता है लेकिन योग की दृष्टि से पहले पेट फूलना चाहिए और सासँ भरते समय छाती फूलनी चाहिए. इसी प्रकार साँस छोड़ते हुए पहले फेफड़ों से साँस बाहर आएगी और फिर पेट अंदर जाएगा.उदर शक्ति विकासक क्रिया में सिर्फ़ पेट को फुलाना है और पिचकाना है.
परिभाषा
उभरे, फूले या उठे हुए तल को भीतर की ओर दबाना:"डॉक्टर ने हाथ के बढ़े हुए फोड़े को पिचकाया" पर्याय: बैठाना, बिठाना,