(पित्त अम्ल उत्पादन) पाचन के साथ मदद करता है है 4.
2.
पित्त अम्ल और जिगर प्राकृतिक सफाई में जिगर संरक्षण गठन के लिए आवश्यक शरीर
3.
यूरिया, और कुल पित्त अम्ल (चित्रा 5) स्राव 6 के माध्यम से पुष्टि कार्यों को प्रदर्शित करता है.
4.
बुध-दोष के कारण उत्पन्न शीत पित्त अम्ल, हृदय, स्नायु से संबंधित व नपुंसकता जैसे रोगों पर भी इस रत्न के काफी लाभप्रद प्रभाव देखे गये हैं।
5.
यह पित्त अम्ल (Bile salts), स्टिरोइड तथा सेक्स हार्मोन्स, और वसा में घुलनशील विटामिन-ए, विटामिन-डी, विटामिन-ई और विटामिन-के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं।
6.
पी) स्राव, ख) यूरिया उत्पादन (पी.५२७१ =) और ग) कुल पित्त अम्ल स्राव (= पी.0114). 10 घ संस्कृति अवधि में एक = 0.01 फ्राइडमैन के परीक्षण के द्वारा प्रयोग और नियंत्रण के बीच अंतर के सांख्यिकीय विश्लेषण किया गया था.