जब पूँजीगत स्टाक की उत्पादनक्षमता में वृद्धि हो तो यह महत्त्वूर्ण है कि वास्तविक आय की मात्रा औरउत्पादन में एक ही दर से वृद्धि हो क्योंकि यदि वास्तविक आय स्थिर रहतीहै तो उसके तीन परिणाम हो सकते है--(अ) नई पूँजी का उपयोग न हो, (ब) नईपूँजी पुरानी पूँजी को विस्थापित कर दे, अथवा (स) श्रम के स्थान पर नईपूँजी की प्रतिस्थापना होने लगे.