प्रकाशग्राही परत पीछे और संवेदनावाही तंत्रिका सामने होती है।
2.
(7) बाह्य केंद्रक स्तर-प्रकाशग्राही कोशों के केंद्रक;
3.
उसकी शलाका और शंकु प्रकाशग्राही हैं।
4.
अनेक ग़ैर-स्तनधारी पृष्ठवंशियों में पीनियलोसाइट आंख के प्रकाशग्राही कोशिकाओं से मिलते-जुलते हैं.
5.
(5) द्विध्रुवी कोशस्तर-गुच्छिका और प्रकाशग्राही कोशों का संपर्क करानेवाले कोश;
6.
अनेक ग़ैर-स्तनधारी पृष्ठवंशियों में पीनियलोसाइट आंख के प्रकाशग्राही कोशिकाओं से मिलते-जुलते हैं.
7.
(8) प्रकाशग्राही कोश स्तर-इसमें शंकु और शलाका दो प्रकार के कोश होते हैं;
8.
केंद्रगर्तिका की विशेषता यह है कि वहाँ केवल प्रकाशग्राही होते हैं और प्रकाशकिरणें सीधे उन्हीं पर गिरती हैं।
9.
ऐसा प्रतीत होता है कि इस स्नायु तंत्र के द्वारा प्रकाश की समयावधि से संबंधित सूचना रेटिना के प्रकाशग्राही कोशिकाओं से ‘ यहां ' तक पहुँचती है, जहाँ इसे अच्छी तरह समझ-बूझ कर अंतत: हाइपोथैलमस से ही जुड़ी एक अन्य गंथि ‘ पीनियल बॉडी ' तक भेजा जाता है।