भारत में प्रतिलिप्यधिकार के कानून प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम, 1957 से शामिल होते है।
2.
भारत में इस समय कापीराइट (प्रतिलिप्यधिकार या कृतिस्वाम्य) की जो व्यवस्था है वह 1957 के प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों द्वारा परिचालित होती है।
3.
न्यायालय इस मत का है कि प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम 1957 की धारा. 14 में प्रतिलिप्याधिकार का अर्थ बताया गया है तथा धारा. 17 में प्रतिलिप्यधिकार का प्रथम स्वामी भी अभिकथित है।
4.
प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम, 1957, के अनुसार प्रतिलिप्यधिकार ' से अभिप्रेत किसी 'कार्य' को करने अथवा उसे अथवा उसके किसी महत्वपूर्ण भाग को करने के लिए प्राधिकृत करने के विशिष्ट अधिकार से है।
5.
हमारे देश में इस समय जो प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम 1957 से लागू है उसके अनुसार यह व्यवस्था है कि अधिनियम के अमल में आने के बाद से एक प्रतिलिप्यधिकार कार्यालय स्थापित किया गया है जो इसी कार्य के लिये नियुक्त एक रजिस्ट्रार के अधीन है।
6.
यदि आप कोई अच्छी कहानी लिखें, या कोई गाना संगीत-बद्ध करें, या पेन्टिंग करे तो यह किसी चीज़ का वर्णन होगा| उसमें आपका प्रतिलिप्यधिकार होगा| यदि उसे प्रकाशित करें तो कोई और उसे आपकी अनुमति के बिना प्रयोग नही कर सकता है| भारतवर्ष में प्रतिलिप्यधिकार के बारे में प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम, 1957 (