अंतरिक्षयात्रा एव पारमाण्वीय शक्ति का विकास, इसी प्रयोगीकरण के कारण, संभव हो सका है।
2.
भगवान बुध्द ने सत्य का साक्षात्कार करने के लिए वर्गीकरण, समतुलन, निर्णयन, निष्कर्षण तथा प्रयोगीकरण इत्यादि प्रणालियों का आश्रय नहीं लिया।
3.
(4) प्रयोगीकरण (experimentation)-विज्ञान की इस युग में जो भी शीघ्र उन्नति हो पाई, उसका एकमात्र श्रेय इस विधि को ही है, क्योकि अन्य विधियाँ तो इसी मुख्य विधि के इर्द गिर्द संजोई गई हैं।