| 1. | श्वेत पुनर्नवा का पौधा बहुवर्षायु प्रसरणशील होता है ।
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| 2. | श्वेत पुनर्नवा का पौधा बहुवर्षायु प्रसरणशील होता है ।
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| 3. | श्वेत पुनर्नवा का पौधा बहुवर्षायु प्रसरणशील होता है ।
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| 4. | प्रसरणशील मृदाओं में ग्रेनुलर पाईल्स एंकरों की प्रभावोत्पादकता का अध्ययन
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| 5. | शंखपुष्पी के क्षुप प्रसरणशील, छोटे-छोटे घास के समान होते हैं ।
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| 6. | शंखपुष्पी के क्षुप प्रसरणशील, छोटे-छोटे घास के समान होते हैं ।
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| 7. | शंखपुष्पी के क्षुप प्रसरणशील, छोटे-छोटे घास के समान होते हैं ।
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| 8. | विकृति का स्वरूप प्रसरणशील (फ्रोलिङेरटिवे) होता है तथा मुख्य लक्षण मूत्र में पाये जाते हैं.
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| 9. | यह लोहित तंतुमय होता है तथा जोंक के शरीर की तरह सकुंचन प्रसरणशील होता है ।
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| 10. | ज्योतिष अनुसार पूर्व दिशा में सूर्य एवं उत्तर दिशा में प्रसरणशील बृहस्पति का कारक तत्व है।
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