| 1. | प्राचीन मत में जगत की सृष्टि एक प्राकृतिक
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| 2. | प्रोटेस्टेन्टों को प्राचीन मत वाले पाखंडी कहा करते थे.
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| 3. | यह भी हिन्दुस्तान का प्राचीन मत है।
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| 4. | गुरु हर्रराय जयंती प्राचीन मत से।
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| 5. | प्राचीन मत के अनुसार यंत्र तीन प्रकार के बताये गये है.
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| 6. | प्राचीन मत में जगत की सृष्टि एक प्राकृतिक उत्पत्ति मानी गई हैं।
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| 7. | ये भारत का प्राचीन मत है और उसके मूल सिद्धान्त बड़े विचारोत्तेजक हैं।
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| 8. | प्राचीन मत में चरम व्यापार को करण कहा गया है और नवीन मत में व्यापारवान कारण को।
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| 9. | इस प्राचीन मत का संबंध “कृष्ण यजुर्वेद” की औरवेय शाखा से है और इसके अपने “गृह्यंसूत्र”, “धर्मसूत्र”, “श्रौतसूत्र” एवं “मत्रसंहिता” ग्रंथ भी हैं।
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| 10. | लेकिन इस पर आजकल हिंदुओं के कुछ कट्टर दलों के एकाधिकार कर रखा हैं, जिनका दावा है कि वे इस प्राचीन मत के अनुयायी है ।
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