भारतीय धर्म ग्रंथों से संदेश-अपने प्राण लेने वाला व्यक्ति शोक करने योग्य नहीं
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६. अमृत सन्देश पत्रिका भारतीय धर्म ग्रंथों से संदेश-अपने प्राण लेने वाला व्यक्ति शोक करने योग्य नहीं आमतौर से भारत की लंबे समय तक पूरे विश्व में एक अच्छी यह पहचान रही है कि यहां के लोग आत्महत्या जैसी वारदात से दूर रहते थे।
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नेहरू की महत्वकांक्षाओ के सामने गांधी जी भी टूट चुके थे, मैने कई बार गांधी जी को विभाजन के लिये दोषी ठहराया है और आज भी ठहराता हूँ, गांधी जी भारत विभाजन रोक सकते थे, इसके लिये गांधी जी को अपने जीवन का सबसे बड़ा बलिदान करना पड़ता, हो सकता है कि उनके प्राण चले जाते किन्तु गांधी के बल पर भारत टूटने से बच सकता था ये प्राण लेने वाला कोई गोड़से काग्रेसी ही होता।
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नेहरू की महत्वकांक्षाओ के सामने गांधी जी भी टूट चुके थे, मैने कई बार गांधी जी को विभाजन के लिये दोषी ठहराया है और आज भी ठहराता हूँ, गांधी जी भारत विभाजन रोक सकते थे, इसके लिये गांधी जी को अपने जीवन का सबसे बड़ा बलिदान करना पड़ता, हो सकता है कि उनके प्राण चले जाते किन् तु गांधी के बल पर भारत टूटने से बच सकता था ये प्राण लेने वाला कोई गोड़से काग्रेसी ही होता।