इसके अलावा मैं देखा है कि प्रोत्साहन बोनस उत्पादकता में वृद्धि और कर्मचारियों नैतिक करना.
2.
गेहूं और धान की वसूली बढ़ाने के लिए सरकार ने धान पर 100 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन बोनस स्वीकृत किया, जबकि बोनस सहित गेहूं की खरीद कीमत 1000 रुपये प्रति क्विंटन कर दी गई।
3.
सरकार ने गेहूं की खरीद पर इस मौसम में एक हजार एक सौ २ ० रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य के ऊपर पचास रुपये का प्रोत्साहन बोनस देने का फैसला किया है।
4.
वास्तविक भुगतान होना चाहिए तथा अधिनियम की धारा 2 (2) के अंतर्गत की गई परिभाषा के अनुसार उत्पादन प्रोत्साहन 'मजदूरी' शब्द की परिभाषा के न तो पहले भाग और न ही अंतिम भाग में आता है | इस प्रकार प्रोत्साहन बोनस पर कोई भी अंशदान देय नहीं है, बशर्ते भुगतान की अवधि 2 माह से अधिक हो |
5.
प्रोत्साहन बोनस की तरह उत्पादन बोनस का भुगतान कामगार को अतिरिक्त पारिश्रमिक की तरह किया जाता है | अत: प्रोत्साहन बोनस की तरह ऐसे अतिरिक्त पारिश्रमिक को मजदूरी बनने हेतु अंतराल पर भुगतान किया जाना चाहिए जिसकी अवधि 2 माह से अधिक न हो चूंकि यह भुगतान करने योग्य राशि से भिन्न है | इस प्रकार वास्तविक भुगतान होना चाहिए तथा इस प्रकार कोई भी अंशदान देय नहीं है, बशर्ते भुगतान की अवधि 2 माह से अधिक हो |
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प्रोत्साहन बोनस की तरह उत्पादन बोनस का भुगतान कामगार को अतिरिक्त पारिश्रमिक की तरह किया जाता है | अत: प्रोत्साहन बोनस की तरह ऐसे अतिरिक्त पारिश्रमिक को मजदूरी बनने हेतु अंतराल पर भुगतान किया जाना चाहिए जिसकी अवधि 2 माह से अधिक न हो चूंकि यह भुगतान करने योग्य राशि से भिन्न है | इस प्रकार वास्तविक भुगतान होना चाहिए तथा इस प्रकार कोई भी अंशदान देय नहीं है, बशर्ते भुगतान की अवधि 2 माह से अधिक हो |
7.
यह कुछ नियोजकों द्वारा अपने कामगारों की कार्य से अनुपस्थिति को हतोत्साहित करने के लिए संदत्त किया जा रहा विश्ोष भत्ता है | नियोजक द्वारा अपने कर्मचारियों को उपस्थिति बोनस के रूप में संदत्त कोई भी राशि मजदूरी होगी और क. रा.बी.निगम बनाम इंडिया डाईस्टाफ इंडस्टन्न्ीज लि. के मामले में बम्बई उच्च न्यायालय द्वारा भी यही मत व्यक्त किया गया था | तथापि, आवधिकता पहलू को ध्यान में रखा जाना है | यदि आवधिकता दो माह से अधिक है तो यह मजदूरी नहीं होगी और प्रोत्साहन बोनस की तरह कोई अंशदान संदेय नहीं होगा |