(तफ़सीरे नमूना ने तफ़सीरे फ़ख़र राज़ी से नक़्ल किया है।
2.
में क़नाअत की बदौलत ख़ाक पर मुझको किस क़दर फ़ख़र और ग़ुरूर था,
3.
बहरहाल हमें अपने माज़ी पर फ़ख़र करने के बजाय हाल का ख़्याल रखते हुए मुस्तक़बिल पर नज़र रखनी चाहीए।
4.
453-आखि़र फ़रज़न्दे आदम का फ़ख़र व मुबाहात से क्या ताल्लुक़ है जबके इसकी इब्तिदा नुत्फ़ा है और इन्तेहा मुरदार।
5.
ख़ुद को तन्हा और त्यक्त तथा इस एतिहासिक-से लगते अवसर से वंचित महसूस करते हुए हमने कैंटोमेंट में अपने टीवी-दार दोस्तों नीलोफ़र फ़ख़र मजीद के यहाँ जाने का फ़ैसला किया।
6.
हम सब आपको हर महीने तब तक चंदा देंगे जब तक आपके पास टीवी ख़रीदने के पूरे पैसे न हो जाएँ! और त्यक्त तथा इस एतिहासिक-से लगते अवसर से वंचित महसूस करते हुए हमने कैंटोमेंट में अपने टीवी-दार दोस्तों नीलोफ़र फ़ख़र मजीद के यहाँ जाने का फ़ैसला किया।