| 1. | जाना, मज़हब बँट जाना बेइंतिहा तकलीफ़देह होता है।”
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| 2. | भेद-भाव करना बँट जाना अलग अलग करना
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| 3. | बँट जाना चाहता हूँ मैं भी बेतरतीब-सी कुछ पंक्तियों में।
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| 4. | लेकिन जेहन बँट जाना, मज़हब बँट जाना बेइंतिहा तकलीफ़देह होता है।
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| 5. | लेकिन जेहन बँट जाना, मज़हब बँट जाना बेइंतिहा तकलीफ़देह होता है।
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| 6. | यह तो इतिहास का दौड़ है जोहिटलर के जर्मनी को बँट जाना पड़ा.
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| 7. | यह तो इतिहास का दौड़ है जोहिटलर के जर्मनी को बँट जाना पड़ा.
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| 8. | राहों-सा मिल जाना भी है राहों-सा बँट जाना भी
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| 9. | अगर आप जनलेखक नहीं हैं तो आपको ज़रूर खेमों में बँट जाना चाहि ये वाह-वाही करवाने के लि ए.
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| 10. | ” चाहता हूँ बँट जाना मैं भी बेतरतीब-सी कुछ पंक्तियों में छोटे-बड़े, ऊपर-नीचे लिखे हुये चंद जुमलों में छंद की बंदिशों से परे आजाद और उन्मुक्त
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