एक तो कोई बाहरी विज्ञापन नहीं देना दूसरे, पुस्तकों की समालोचना मत छापना ‘‘ ।
3.
भारत में सरकारी स्कूलों में बाहरी विज्ञापन एजेंसियों की आवश्यकता नहीं पड़ती क्योंकि सरकार ही सारा खर्चा उठाती है ।
4.
स् टूडियो में डी. टी. पी. सेल है जिससे मुद्रित प्रचार सामग्री, प्रेस विज्ञापन, बाहरी विज्ञापन आदि तैयार किए जाते हैं।
5.
आवश्यकतायें: 1) पद्धति के अनुसार बाहरी विज्ञापन के विचार, पत्र-पत्रिका (दैनिकी), कागजी प्रेस, दैनिक अखबार, रेडियो, टी वी 2) पद्धति से अलग विज्ञापक, बिक्री के स्थान पर (विशाल दुकानों का भवन एवं बड़े होटल) वायरल विपणन यंत्र (दुकान की खिड़की पर साइन, प्रदर्शन खड़ा करना, तरह-तरह की घटनायें, इत्यादि)
6.
चूंकि हम ऐसे कुतूहलपूर्ण महिलाओं के बारे में बात कर रहे हैं जो हमेशा कहीं ना कहीं आ या जा रही हैं, तो इस लिये यह आरम्भ प्रधान रूप से बाहरी विज्ञापन के द्वारा समर्थित होगा | इस मामले में, इसका तात्पर्य ऐसे किसी भी प्रकार के विज्ञापन से है जो लक्षित दर्शक तक पहुँच पाये जब वो अपने घर से बाहर हों | जब वे बाहर सड़क पर कुतूहलपूर्ण और उत्सुक ऐसी किसी भी चीज को ढूँडते हुए चल रही हों जो उनकी जिन्दगी को अधिक झिलमिलाता बना सके|