मनुष्यों पर अदृश्य प्रकार से भला या बुरा प्रभाव डालना आज के तंत्र विज्ञान की मर्यादा है ।
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उनमें से एक शाखा है-' ' दूसरों के शरीर और मन पर अच्छा या बुरा प्रभाव डालना '' जो इसे कर सकते हैं, वे यदि अभिचार करें तो स्वस्थ आदमी को रोगी बना सकते हैं, किसी भयंकर प्राणघातक पीड़ा, वेदना या बीमारी में अटका सकते हैं ।