जनता सड़क हादसों में थोक के हिसाब से मारी जा रही है, लेकिन वोटों की फिक्र में पड़े नेता जनता की जान बचाने के लिए भी उसके सिर पर कोई बोझ रखना नहीं चाहते।
3.
मुझे माफ़ करदे माँ तेरा कर्ज उधार रहा मुझपे मैं नहीं कोई भी दोष दे रही हूँ तुझपे तेरे सांसे तेरे एहसान का मौका मिला तो जरुर चुकाऊँगी भगवान से जाकें लडकें देना ऐसा प्रार्थना ही जाने के बाद बोल आई हूँ दिल पर ना अपने कोई बोझ रखना यही बताने आई थी मारा क्यों जाता बेटी को यही जानने वापस आई थी....................................... यही जानने आई थी............................. यही जानने आई थी..........................................