इस तरह के मेलों में भगदड़ मचना कोई नई बात नहीं है.
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श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों की बड़ी भीड़ में भगदड़ मचना खतरनाक होता है।
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पिछले कुछ सालों से धार्मिक स्थलों पर भगदड़ मचना और उसमें अनेक श्रद्धालुओं का मारा जाना आम बात हो गई है।
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मुंबई मे रोजाना करीब 60 लाख लोग अपने दफ्तर जाने के लिए लोकल ट्रेन मे सफर करते है सुबह के वक्त प्लेटफार्म पर तिल रखने भर की भी जगह नही होती और ऐसे मे जब बार बार ट्रेन के आने का प्लेटफार्म बदला जाये तो भगदड़ मचना तो तय है लोग भी कब तक इधर से उधर भागते..