और यदि भाषायी क्षमता अपर्याप्त हो तो स्थिति अधिक जटिल हो जाती है ।
2.
इसके विरुद्ध पत्रकारिता से संबद्ध पाठकवर्ग बहुत विस्तृत रहता है और पाठकों की भाषायी क्षमता अतिसामान्य से लेकर उच्च कोटि तक का हो सकता है ।
3.
इस पुस्तक में चाम्स्की ने भाषायी क्षमता / भाषाव्यवहार (छोम्पेटेन्चे/फेर्ङोर्मेन्चे) भेद प्रस्तुत किया, मानव मस्तिष्क में सहजातवृत्ति के रूप में विद्यमान भाषा अधिगम क्षमता (ळन्गुअगे आच्र्उइसिटिओन् ढेविचे, ळाढ्) और इसके द्वारा भाषा अधिगम प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की.
4.
समाज भाषा वैज्ञानिकों ने भाषायी क्षमता कीअपेक्षा भाषा प्रयोग / व्यवहार के विश्लेषण को अधिक महत्वपूर्ण माना और कहा किचाम्स्की वाक्य को एक स्वायत्त इकाई मान कर चलते हैं और 'प्रयोग' के स्तर परवाक्य के जो विभिन्न सन्दर्भगत अर्थ सामने आते हैं उन्हें चाम्स्की ने भाषायीक्षमता से बाहर के 'विकल्पन' (अरिअटिओन्स्) मान कर अपने अध्ययन क्षेत्र से बाहररखा.