यदि तुम उनसे मुझे बचाकर नदी के उस पार ले भी जाओगे तो भूखे भेड़ियों का झुंड मुझ पर टूट पड़ेगा और मुझे चट कर जाएगा।”
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मीडिया के अभिमन्यु को कहाँ पता कि नागरिक-अधिकारों के हनन और हरण के लिए प्रभु-वर्ग ने कितने चक्रव्यूह तैयार कर रखे हैं! भेंड़ की खाल में भेड़ियों का झुंड है।