बैठक के उद्घाटन सत्र में श्री भैय्याजी जोशी ने स्वामी विवेकानन्द के मर्मस्पर्शी विचारों की प्रासंगिकता का महत्व बताया और कहा कि स्वामीजी की सार्ध शती से हमें क्या साध्य करना है? देश के कोने-कोने में समाज के सभी घटकों में स्वामी विवेकानन्द के संदेशों को पहुँचाना, मतलब करना क्या है?