“ऊष्मा” के कारण स्तनधारियों में मदचक्र (oestrus cycle) उत्पन्न होता है।
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तथा स्त्रीमदविश्राम के पूरे चक्र को मदचक्र, या स्त्रीमदविश्राम चक्र, कहते हैं।
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रज: स्राव के पहले दिन को मदचक्र का प्रथम दिन माना जाए, तो 12वें, या 16वें दिन ग्राफियान पुटिका (
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रज: स्राव के पहले दिन को मदचक्र का प्रथम दिन माना जाए, तो 12वें, या 16वें दिन ग्राफियान पुटिका (Graffian follicle) से अंडाणु स्रावित होता है।
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तरुण अवस्था में एस्ट्रोजेन (oestrogen), (स्त्री मदजन), हारमोन और मदचक्र (oestrons cycle) के कारण स्तन ऊतकों को अधिक उत्तेजना मिलती है और स्तन की नली प्रणाली, वसा और स्तन ऊतक में अधिक वृद्धि होती है।