| 1. | यकृत् और बाद में प्लीहा, के आकार बढ़जाते हैं.
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| 2. | इसमें ये यकृत् धमनी, निर्वाहिका शिरा (
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| 3. | निर्वाहिका यकृत् (portal hepatics)
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| 4. | यकृत् शोथ के अधिकांश रोगियों को पीलिया (icterus) नहीं होता।
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| 5. | गर्भकाल के दौरान घातक नमक. उदर--यकृत् और प्लीहा में भयंकर दर्द.
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| 6. | यकृत्-पीडा में भी गोमूत्रा का सेवन बड़ा लाभदायक होता है।
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| 7. | पक्षियों का यकृत्, पित्त इत्यादि जो पकाने के पहिले काटकर निकाल लिया जाता है
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| 8. | यह मुद्रा मधुमेह, यकृत् (जिगर)-के दोषोंको दूर करती है ।
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| 9. | यकृत् और प्ली हा के बढ़ने पर गोमूत्रा पीने और सेंकने से लाभ होता है।
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| 10. | एवं नाड़ियाँ यकृत् में प्रवेश करती हैं संयुक्त यकृत् वाहिनी और लसिका वाहिनियाँ बाहर निकलती हैं।
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