जो कोई भी वर्ष के 73 दिन 8 घण्टे प्रतिदिन काम करता है उसे रोज़गारशुदा माना जाता है।
3.
इस ” भले मानुष ” का विचार है कि मौजूदा श्रम क़ानून रोज़गारशुदा मज़दूरों के पक्ष में ज़्यादा हैं और इससे उद्योग जगत को नुक़सान होता है।
4.
लेकिन चूँकि रोज़गारशुदा होने की सरकारी परिभाषा यह है कि अगर कोई व्यक्ति साल के 73 दिन 8 घण्टे काम करता है तो उसे रोजग़ारशुदा माना जाता है, इसलिए यह आबादी रोजग़ारशुदा मान ली जाती है।
5.
जिस रोज़ किसानों के भरे खलिहान होंगे और रोज़गारशुदा वतन के नौजवान होंगे जिस रोज़ पसीने की सही कीमत मिलेगी इन महलों से बड़े जिस रोज़ इन्सान होंगे उस रोज़ मेरे नगमों का अंदाज़ देखना मेरी आवाज़ में एक नई आवाज़ देखना ।।
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जिस रोज़ किसानो के भरे खलियान होंगे और रोज़गारशुदा वतन के नौजवान होंगे जिस रोज़ पसीने की सही कीमत मिलेगी इन महलों से बड़े जिस रोज़ इन्सान होंगे उस रोज़ मेरे नग्मों का अंदाज़ देखना मेरी आवाज़ में एक नई आवाज़ देखना.