निरूपण की यह विधि लंबकोणीय प्रक्षेप (orthographic projection) कहलाती है ।
3.
निरूपण की यह विधि लंबकोणीय प्रक्षेप (orthographic projection) कहलाती है ।
4.
शैफ्ट का डिजाइन कभी कभी इस आधार पर भी किया जाता है कि शैफ्ट के अक्ष से लंबकोणीय स्थित दो अनुभागों के आपेक्षिक कोणीय विस्थापन (
5.
इसी प्रकार यदि किसी ठोस पिंड के प्रत्येक बिंदु से किसी समतल धरातल पर लंब डाले जाएँ, तो हमें उस पिंड का लंबकोणीय प्रक्षेप उस धरातल पर प्राप्त होता है।
6.
इसी प्रकार यदि किसी ठोस पिंड के प्रत्येक बिंदु से किसी समतल धरातल पर लंब डाले जाएँ, तो हमें उस पिंड का लंबकोणीय प्रक्षेप उस धरातल पर प्राप्त होता है।
7.
शैफ्ट का डिजाइन कभी कभी इस आधार पर भी किया जाता है कि शैफ्ट के अक्ष से लंबकोणीय स्थित दो अनुभागों के आपेक्षिक कोणीय विस्थापन (displacement) का मान एक विशिष्ट कोण से कम ही रहे।