किसी भी दो प्रकार के उच्चारण विभेद या वर्ण विभेद को स्पष्ट प्रकट किया जा सके।
2.
३ २ मनु ने बच्चों के नामकरण संस्कार में भी वर्ण विभेद किया है ३३ जिससे स्वभावतया शूद्रों की हीनता झलकती है।
3.
पुरुष विमर्श या पुरुष अध्ययन को विकसित करने की ज़रूरत है पर पूरी तरह जाति, वर्ग, वर्ण विभेद के अन्र्तसंबंधों की जानकारी रखने वाले उदार और प्रगतिवादी नज़रिये से ।
4.
जब पूरी दुनिया धर्म, क्षेत्र, वर्ग और वर्ण विभेद से ऊपर उठकर एक गांव में तब्दील हो रही है तब बिहार की नौजवान पीढ़ी को यह तय करना है कि वह विकासशील दुनिया की रफ्तार के साथ दौड़ना चाहती है या फिर उन्हीं धूल और कांटोंभरी पगडंडियों पर भटकना चाहती है, जिन्होंने बिहार को धूलधूसरित और लहूलुहान कर रखा है।